पहला नशा, पहला खुमार......!!!
कुछ बातों में मै अव्वल था , कुछ वो भी हमें बताती थी !
राहें बिल्कुल जुदा थी अपनी ,पर साथ सदा ही आती थी !
जब पहली बार मिला था उससे , वो थोड़ी सी शर्माई थी !
दिल में कुछ कुछ हुआ था मेरे , जब पास मेरे वो आई थी !
कॉलेज का पहला दिन था यारो,जब मैंने उसको देखा था !
आँखों में ही बाते हुई थी , पलके मैंने झपकाई थी !
सब कुछ बिल्कुल नया नया था,मन में बड़ा घबराया था !
उसकी मैंने क़द्र नहीं की , तब मैंने जो भी पाया था !
जब भी मै उससे बाते करता , धड़कन युही बढ़ जाती थी !
छिप छिप कर देखा करता था,पर सपनो में क्यों आती थी !
दुनिया से तब मै ऊपर था ,खुशियों के दिए जलाये थे !
मुझसे ही बाते करती थी , दिल की हर बात बताती थी !
उसकी हरेक अदा का क्या , गुडिया जैसी लगती थी !
उसके वो मासूम से नखरे , बच्चो के जैसे करती थी !
ये अभी अधुरा ही है , परन्तु मुझे अब इसे पु्रा भी नहीं करना,क्युकीं जब मैने इसे लिखा था , तो अधुरा हि छोड़ दिया , और अब मुझे इसे पुरा करने का मन भी नहीं होता ,क्युकीं.....
"कभी फुर्सत में प्यार किया था हमने ,
गौर फर्माइएगा.......
कभी फुर्सत में प्यार किया था हमने ,
और खुद को तैयार किया था हमने ,
पर बडे ही खुद्गर्ज निकले हम तो,
भुल हि गये हम की........,
किसी से इकरार किया था हमने !!"
अब शब्दो में ही जिन्दगी ढुढ़ंता हुं.....बहुत कुछ है कहने को......और कहेगें भी , पर फिर कभी.......चलते हैं !!
nice one bro...
ReplyDeletewah kya baat hai!
ReplyDeleteaap sabhi ka dhnayawad.....:)
ReplyDelete