आज शायद फिर से दिल के किसी कोने मे हलचल हुई ! तो लिख हि लेता हुं ! मे्रा मानना है कि अगर दिल मे कोइ ठेस है तो या तो उसे किसी से बता देना चहिये या कही लिख
देना चाहिये , इससे दिल हल्का हो जाता है और इससे समस्या का समाधान भी निकल आता है !
जब इस दुनि्या मे हुम खुद को अकेला और कमजोर समझने लगते है , तो वो हमारे पतन का मार्ग है ! और ऐसे समय मे कोइ दुसरा हमारी मदद नही कर सकता !
अपनी मदद हमे खुद हि करनी है ,हमारा हौसला हि हमारा मार्गदर्शन करेगा ! हुमे खुद पे पु्रा विश्वास और यकीन होना चाहिये !
शायद कुछ ज्यादा हो गया , पर जो भी है यही सत्य है और इस विचार करना आपका भी काम है ! सोचते रहिये!
सैकड़ो की भीड़ मे , फिर अकेला चल दिया !!
राहें अनजान मुझसे , फिर अकेला चल दिया !!
कहने को अपने थे सारे , साथ रहा करते थे !
सबसे प्यारे दोस्त हो तुम , ये भी कहा करते थे !
एक छोटी आन्धी आई , मै अडीग खड़ा रहा !
सपनों की दुनिया में , मै युहीं जड़ा रहा !
सपनों से गिरा जब मै , वो भी मुझपे हसते थे !
नींव जिसकी गहरी समझी , तास के वो पत्ते थे !
राह में पत्थर थे इतने , फिर क्युं फिसल गया !!
सैकड़ो की भीड़ मे , फिर अकेला चल दिया !!
राहें अनजान मुझसे , फिर अकेला चल दिया !!
जिन्दगी के सफर मे , बिन मेघ बरसात थी !
प्यार से जो घर बनाया , वो अब बर्बाद थी !
नया था मौसम मगर , दुनिया अब भी वही थी !
लोग सारे भी वही थे , ईन्सानियत अब भी नहीं थी !
मेरी दुनिया भी वही थी , पर मै नहीं अब वो रहा !
बनती चिजे नष्ट होती , ये समय रुकता हैं कहाँ !
मै भी इन्सान हुं , आगे बढना जानता हुं !
सुनता अब भी हुं उनको , पर अब नहीं वो मानता हुं !
समय भी क्या चीज है , ज्ञ्यान हमको मिल गया !!
सैकड़ो की भीड़ मे , फिर अकेला चल दिया !!
राहें अनजान मुझसे , फिर अकेला चल दिया !!
इसी के साथ विदा लेता हु , मिलुंगा फिर यही पर , किसी नये उम्मीद और नये सोच के साथ !!
देना चाहिये , इससे दिल हल्का हो जाता है और इससे समस्या का समाधान भी निकल आता है !
जब इस दुनि्या मे हुम खुद को अकेला और कमजोर समझने लगते है , तो वो हमारे पतन का मार्ग है ! और ऐसे समय मे कोइ दुसरा हमारी मदद नही कर सकता !
अपनी मदद हमे खुद हि करनी है ,हमारा हौसला हि हमारा मार्गदर्शन करेगा ! हुमे खुद पे पु्रा विश्वास और यकीन होना चाहिये !
शायद कुछ ज्यादा हो गया , पर जो भी है यही सत्य है और इस विचार करना आपका भी काम है ! सोचते रहिये!
मै अकेला
सैकड़ो की भीड़ मे , फिर अकेला चल दिया !!
राहें अनजान मुझसे , फिर अकेला चल दिया !!
कहने को अपने थे सारे , साथ रहा करते थे !
सबसे प्यारे दोस्त हो तुम , ये भी कहा करते थे !
एक छोटी आन्धी आई , मै अडीग खड़ा रहा !
सपनों की दुनिया में , मै युहीं जड़ा रहा !
सपनों से गिरा जब मै , वो भी मुझपे हसते थे !
नींव जिसकी गहरी समझी , तास के वो पत्ते थे !
राह में पत्थर थे इतने , फिर क्युं फिसल गया !!
सैकड़ो की भीड़ मे , फिर अकेला चल दिया !!
राहें अनजान मुझसे , फिर अकेला चल दिया !!
जिन्दगी के सफर मे , बिन मेघ बरसात थी !
प्यार से जो घर बनाया , वो अब बर्बाद थी !
नया था मौसम मगर , दुनिया अब भी वही थी !
लोग सारे भी वही थे , ईन्सानियत अब भी नहीं थी !
मेरी दुनिया भी वही थी , पर मै नहीं अब वो रहा !
बनती चिजे नष्ट होती , ये समय रुकता हैं कहाँ !
मै भी इन्सान हुं , आगे बढना जानता हुं !
सुनता अब भी हुं उनको , पर अब नहीं वो मानता हुं !
समय भी क्या चीज है , ज्ञ्यान हमको मिल गया !!
सैकड़ो की भीड़ मे , फिर अकेला चल दिया !!
राहें अनजान मुझसे , फिर अकेला चल दिया !!
इसी के साथ विदा लेता हु , मिलुंगा फिर यही पर , किसी नये उम्मीद और नये सोच के साथ !!
great work! keep it up! :)
ReplyDeletethanks bro .... :) will try always :)
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